भूले बिसरे खत…

चौराहे के भीड़ में एक सुना डाकघर नज़र आया, वक्त की दौड़ में शायद कहीं खो गया उसका सायादिल जरा बैठ गया देखके उसका हवाल, मन उठे कुछ सवाललोग अब पहले जैसे खत क्यूं नहीं लिखते, डाकघर पहले जैसे अब क्यूं नहीं चहकते?फुरसत में वक्त निकालकर खत लिखना, जाने क्यूं भूल गया है ज़माना ?कभी… Continue reading भूले बिसरे खत…

चाय बारिश और जिंदगी…

पहले बारिश मासूम सी लगती थीअब गुमसुम सी गुजरती हैआगे फिर सुकून सी लगेगी...पहले काग़ज़ी कश्तीयां पानी में बहाते थेअब दिल यादों में बहता है आगे फिर होठोंसे मुस्कान बहेगी...पहले काया भीगती थीअब आंखें भीगती हैआगे फिर मन भीगेगा...उस बरसात से इस बरसात तकइस बरसात से अगले बरसात तकजिंदगी का दोलन हम संभाले है...क्योंकि...चाय की… Continue reading चाय बारिश और जिंदगी…

हौंसले का फासला…

घना कोहरा था ऐसे में तुम आए काले सफेद से परे साथ अपने कई रंग लाएं तुम्हारे ही इर्द गिर्द था वजूद मेरा आशियां अपना था मुझे दोनों जहां से प्यारा बिन बताएं एक रोज़ तुम चले गए संग अपने सारे रंग भी ले गए फिर पुराने कोहरे कि तरफ कदम मुड़े तभी अचानक नन्हें… Continue reading हौंसले का फासला…

आजोबांच्या गोष्टी…

आज आहे आजोबांचा ७५ वा वाढदिवसह्याची तयारी करत होते सगळे गेली कितीतरी दिवस प्रत्येकाने त्यांनां द्यायची ठरवली एखादी स्पेशल भेट 'मी काय देऊ ' विचार करून दमलेललं डोकं माझं मला म्हणालं त्यानांच जाऊन विचार थेटमन माझं विचार करू लागलं - मी काय त्यांना देणार त्यांच्याजवळ आहे सगळं काही उलट त्यांनीच आम्हाला दिलंय बरच काहीमग म्हंटल… Continue reading आजोबांच्या गोष्टी…

Once Upon a Time in 2020

Disclaimer: All the characters and events depicted in this write up are entirely fictitious. Any similarity to actual events or persons, is purely co-incidental. Period: Any random year from 2025-2045 Scene 1 (Place: Kitchen; Mom is baking another order for a birthday party. Jay comes in...) Jay: Maa (tasting a freshly baked muffin) Mmmm…these muffins… Continue reading Once Upon a Time in 2020