Life within and outside her…🙋🏻♀️🪞👩🏻🦳She saw the experiences, mirror reflected grey hairShe saw life's ups n downs, mirror reflected wrinklesShe saw countless nights of working for dream life, mirror reflected dark circlesShe saw a graceful life led, mirror reflected heavy shouldersShe saw love n relations maintained, mirror reflected the kintsugi mindShe saw beautiful moments carved… Continue reading Reflections of Her
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भूले बिसरे खत…
चौराहे के भीड़ में एक सुना डाकघर नज़र आया, वक्त की दौड़ में शायद कहीं खो गया उसका सायादिल जरा बैठ गया देखके उसका हवाल, मन उठे कुछ सवाललोग अब पहले जैसे खत क्यूं नहीं लिखते, डाकघर पहले जैसे अब क्यूं नहीं चहकते?फुरसत में वक्त निकालकर खत लिखना, जाने क्यूं भूल गया है ज़माना ?कभी… Continue reading भूले बिसरे खत…
चाय बारिश और जिंदगी…
पहले बारिश मासूम सी लगती थीअब गुमसुम सी गुजरती हैआगे फिर सुकून सी लगेगी...पहले काग़ज़ी कश्तीयां पानी में बहाते थेअब दिल यादों में बहता है आगे फिर होठोंसे मुस्कान बहेगी...पहले काया भीगती थीअब आंखें भीगती हैआगे फिर मन भीगेगा...उस बरसात से इस बरसात तकइस बरसात से अगले बरसात तकजिंदगी का दोलन हम संभाले है...क्योंकि...चाय की… Continue reading चाय बारिश और जिंदगी…
हौंसले का फासला…
घना कोहरा था ऐसे में तुम आए काले सफेद से परे साथ अपने कई रंग लाएं तुम्हारे ही इर्द गिर्द था वजूद मेरा आशियां अपना था मुझे दोनों जहां से प्यारा बिन बताएं एक रोज़ तुम चले गए संग अपने सारे रंग भी ले गए फिर पुराने कोहरे कि तरफ कदम मुड़े तभी अचानक नन्हें… Continue reading हौंसले का फासला…
Pause!!!
Sit for a moment or twoAppreciate the things around youWith the group or just you twoAlone? Don't worry the right one will find you...Just relax and it's fine not to ponderFor a while it's ok , if the mind wanna wander...It's a race out there, nothing wrongUp to you, wanna run it; then how long?Just… Continue reading Pause!!!
वो, मैं और मुलाकात…
उसके आने की खबर उससे पेहले आ गयी...जब शाम रोज से थोडा जल्दी आ गयी|अरसे बाद जब देखा उसे, आँखे जरा नम सी गयी...हंसी बिखरी ओंठोपर, धडकन जरा थमसी गयी|उसने कहा “पगली हो? ऐसे रोते नहीं”अब कैसे समझाऊ उसे, मुस्कुराती आँखों में भी होते सैलाब कई|तेजी से धडकता हुआ दिल, धुंदलाती नजर...और तलाश में मैं,… Continue reading वो, मैं और मुलाकात…
मेरा गुल्लक…
बचपन में तौफों का बडा उल्हास छोटासा तोहफ़ा भी लगता खास; आज वही बचपन खुद्द एक तोहफ़ा और आस ! ऎसा एक तोहफ़ा मैंने एकबार पाया लाल मिट्टी का गोलमटोलसा वह मुझे खूब भाया; कहते थे गुल्लक उसे, जिसमे मैने मिला हर एक सिक्का छुपाया | त्योहार हो ,जन्मदिन हो या फिर किसी रिश्तेदार की… Continue reading मेरा गुल्लक…






