पहले बारिश मासूम सी लगती थी
अब गुमसुम सी गुजरती है
आगे फिर सुकून सी लगेगी…
पहले काग़ज़ी कश्तीयां पानी में बहाते थे
अब दिल यादों में बहता है
आगे फिर होठोंसे मुस्कान बहेगी…
पहले काया भीगती थी
अब आंखें भीगती है
आगे फिर मन भीगेगा…
उस बरसात से इस बरसात तक
इस बरसात से अगले बरसात तक
जिंदगी का दोलन हम संभाले है…
क्योंकि…
चाय की एक चुस्की
कल भी उतना ही कमाल करती थी
आज भी एक उम्मीद जगाती है
यकीं है की कल भी अपना जादू बनाए रखेगी ….
~ अमृता ताम्हणे
© 30.07.2023 The copyright and other intellectual property rights of this content and pictures are with the author and Soulसंवाद .